पेरिस ओलंपिक में देश के मुक्केबाजों को पदक दिलाने के लिए भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच और अपने समय के नामी मुक्केबाज अर्जुन अवॉर्डी धर्मेंद्र यादव ने अपने बेटे की शादी छोड़ दी। बुलंदशहर के धर्मेंद्र के सामने बीते सप्ताह बड़ा धर्मसंकट खड़ा हो गया कि वह बेटे की शादी में शामिल हों या सारब्रुकेन (जर्मनी) में भारतीय मुक्केबाजी टीम की तैयारियां छोड़ दें। यह उलझन सिर्फ शादी तक सीमित नहीं थी। देश के पहले पेशेवर बॉक्सर धर्मेंद्र की मां की तबियत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें आईसीयू में दाखिल कराना पड़ा था। मां के कहने पर ही पोते की शादी आनन-फानन में करनी पड़ रही थी। ओलंपिक से ठीक पहले धर्मेंद्र का तैयारियां छोड़ना ठीक नहीं था। उनकी पत्नी और बेटे ने कहा वह राष्ट्रीय कोच की भूमिका निभाएं, बाकी सब वे संभाल लेंगे।