आपकी जानकारी के लिए बता दे की हरियाणा में भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले तमाम कील कांटे दुरुस्त करने की दिशा में बढ़ने लगी है। चार जून को मतगणना के तुरंत बाद भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा संभव है। पार्टी इस बार किसी ब्राह्मण अथवा वंचित वर्ग के नेता पर दांव खेल सकती है।
चुनाव से पहले वंचित व गरीब कल्याण की करीब आधा दर्जन नई योजनाओं को आरंभ किया जा सकता है और पुरानी योजनाओं को पहले से अधिक सरल कर उनके लाभार्थियों का दायरा बढ़ाने की योजना है।
ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित करने की प्रक्रिया भी अभी से आरंभ हो गई, जिन पर किसी राजनीतिक दल का विशेष लेबल लगा हुआ है।
योजना बद्ध तरीके से किए जाएंगे टास्क पूरे
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और लोकसभा चुनाव प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया द्वारा दो दिन पहले पंचकूला में ली गई समीक्षा बैठक में भाजपा उम्मीदवारों ने जिन खामियों को गिनवाया, उन्हें दूर करने के लिए पार्टी और सरकार मिलकर योजनाबद्ध तरीके से टास्क करेंगे।
सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के साथ ही राज्य के सरपंचों को भी खुश करने के लिए सरकार द्वारा अहम फैसले लिए जाने की संभावना है।
ऐसे मे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से अलग किया जा सकता है, जिन्होंने कांग्रेस के इशारे पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची है।
भाजपा उम्मीदवारों को बूथवार ऐसी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है, जिसमें यह पता चले कि किस बूथ पर किस जाति के कितने लोगों ने तथा सरकारी योजनाओं के कितने लाभार्थियों ने वोट दिए।
भर्तियों की कानूनी पेचीदगी की जाएगी दूर
करीब 60 हजार लंबित सरकारी भर्तियों को पूरा करने का लक्ष्य विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करने की सरकार की योजना है।
इसके साथ ही लगभग 25 हजार ऐसी भर्तियों की कानूनी पेचीदगियां दूर की जाएंगी, जो हाई कोर्ट में अलग-अलग आपत्तियों की वजह से लटकी हुई हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास है, जो कि ओबीसी श्रेणी से आते हैं।
भाजपा यदि किसी ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सबसे भरोसेमंद पूर्व राजनीतिक सचिव अजय गौड़ का नाम सबसे मजबूत है। अजय गौड़ फरीदाबाद लोकसभा सीट के प्रभारी भी हैं। उनकी गिनती पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में होती है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी ब्राह्मणों में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं।
कृष्ण लाल पंवार का नाम
वंचित वर्ग के नेताओं में राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार का नाम काफी मजबूत है, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि इनेलो की है। ऐसे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रह चुके एवं मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर सुदेश कटारिया के नाम पर पार्टी विचार कर सकती है।
सुदेश कटारिया पूर्व सीएम और सीएम के भरोसेमंद सहयोगियों में हैं। सीएम के पूर्व राजनीतिक सचिव एवं पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार बेदी का नाम भी चर्चा में है।
वंचित वर्ग के चेहरों में भाजपा पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी लाल पर भी दांव खेल सकती है। भाजपा यदि किसी जाट चेहरे पर दाव खेलना चाहती है तो पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम सबसे मजबूत है।