जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर दोगुना होकर 663 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में नेट प्रॉफिट ₹326 करोड़ रहा था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए ₹12.11 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड यानी लाभांश देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। मझगांव डॉक ने आज यानी 27 मई को चौथी तिमाही और सालाना नतीजे जारी किए।
बीते एक साल में मझगांव डॉक ने 321.88% रिटर्न दिया
मझगांव डॉक का शेयर आज 11.10% बढ़कर 3,374 रुपए पर बंद हुआ। इसने बीते एक साल में 321.88% का रिटर्न दिया है। मझगांव डॉक के शेयर 12 अक्टूबर 2020 को बाजार में लिस्ट हुए थे। इसका इश्यू प्राइस 145 रुपए प्रति शेयर था। वहीं इसकी लिस्टिंग 190 रुपए पर हुई थी।
वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का मुनाफा 73.09% बढ़ा
मझगांव डॉक का पूरे वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा 73.09% बढ़कर ₹1,936.97 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा ₹1,119.03 करोड़ रहा था।
पूरे साल FY24 में रेवेन्यू 21% बढ़कर 9466.58 करोड़
मझगांव डॉक का रेवेन्यू यानी आय पूरे साल FY24 में 21% बढ़कर 9466.58 करोड़ रही। FY23 में रेवेन्यू 7827.18 रहा था। वहीं चौथी तिमाही में रेवेन्यू 50% बढ़कर 3,103.6 करोड़ हो गया है। एक साल पहले की समान अवधि में रेवेन्यू ₹2,078.6 करोड़ रहा था।
1774 में ड्राय डॉक बनाने से हुई थी कंपनी की शुरुआत
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड जहाज बनाने वाली लीडिंग सरकारी कंपनी है। इसका इतिहास 1774 से मिलता है, जब मझगांव में एक छोटा ड्राय डॉक बनाया गया था। धीरे-धीरे से बढ़ती गई और 1934 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में इनकॉरपोरेट किया गया।
1960 में सरकार ने इसका टेकओवर कर लिया जिसके बाद, मझगांव डॉक तेजी से विकसित हुई और भारत की प्रमुख वॉर-शिपबिल्डिंग यार्ड बन गई। 1960 के बाद से, मझगांव डॉक ने कुल 801 जहाजों का निर्माण किया है। इसमें 27 वॉरशिप्स और 7 सबमरीन शामिल है।
कंपनी ने भारत के साथ-साथ विदेशों में विभिन्न ग्राहकों के लिए कार्गो शिप, पैसेंजर शिप, सप्लाई वेसल्स, मल्टीपर्पज सपोर्ट वेसल, वॉटर टैंकर्स की भी डिलीवरी की है। मार्च तिमाही तक 84.8% हिस्सेदारी के साथ सरकार मझगांव डॉक में सबसे बड़ी शेयरधारक बनी हुई है।