जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग के समर्थन में श्रीनगर में कांग्रेस के विरोध मार्च को रोक दिया.
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर दबाव बनाना था. कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता श्रीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय से संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर ज्ञापन सौंपने के लिए मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भारी संख्या में तैनात पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन के लिए श्रीनगर जा रहे विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने विभिन्न मार्गों पर रोक लिया और कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंचने से रोक दिया.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर ने पुलिस के इस कदम को प्रशासन का अलोकतांत्रिक कृत्य करार देते हुए कहा कि वे अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र के बाद हो रहा है, जिसमें संसद के आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.
पत्र में किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने की मिसाल की कमी पर प्रकाश डाला गया और प्रधानमंत्री को राज्य का दर्जा बहाल करने की उनकी पिछली प्रतिबद्धताओं की याद दिलाई गई.
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए, मीर ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बना रही है क्योंकि वह देश का सामना करने में सक्षम नहीं है, लेकिन कांग्रेस आगामी मानसून सत्र के दौरान सभी मुद्दे उठाएगी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मीर ने कहा, “कांग्रेस को दबाया नहीं जा सकता और वह सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले की विफलता और राज्य का दर्जा बहाल करने सहित सभी मुद्दे उठाएगी.”