वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मियों को दीवाली के मौके पर 2023-24 के लिए नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (एडहॉक बोनस) देने की घोषणा की है। इसके तहत सभी पात्र कर्मियों को 30 दिन के वेतन जितनी राशि मिलेगी। केंद्र सरकार के ग्रुप बी और ग्रुप सी के अंतर्गत आने वाले वे अराजपत्रित कर्मचारी, जो किसी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस स्कीम के तहत नहीं आते हैं, उन्हें भी यह बोनस दिया जाएगा। एडहॉक बोनस का फायदा केंद्रीय अर्धसैनिक/सशस्त्र बलों के सभी योग्य कर्मियों को होगा। एडहॉक बोनस के तहत योग्य कर्मियों को औसतन 6908 रुपये मिलेंगे।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 10 अक्तूबर को जारी आदेश के अनुसार, एडहॉक बोनस के तहत जो रकम दी जाती है, उसका निर्धारण करने के लिए एक नियम बनाया गया है। कर्मियों का औसत वेतन, गणना की उच्चतम सीमा के अनुसार, जो भी कम हो, उसके आधार पर यह बोनस जोड़ा जाता है। यदि किसी कर्मी को सात हजार रुपये मिल रहे हैं, तो उसका 30 दिनों का मासिक बोनस लगभग 6908 रुपये रहेगा। इस तरह के बोनस का फायदा, केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को ही मिलेगा, जो 31 मार्च 2024 को सेवा में रहे हैं। उन्होंने साल 2023-24 के दौरान कम से कम छह महीने तक लगातार ड्यूटी दी है। इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस का भुगतान केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों के लिए भी स्वीकार्य होगा। ये आदेश संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के उन कर्मचारियों पर भी लागू माने जाएंगे, जो परिलब्धियों के संबंध में केन्द्र सरकार की पद्धति का अनुसरण करते हैं। इसके अलावा वे कर्मचारी, किसी अन्य बोनस या अनुमग्रह स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं।
इन आदेशों के अंतर्गत भुगतान के लिए केवल वे कर्मचारी पात्र होंगे, जो 31.03.2024 को सेवा में थे और जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान न्यूनतम छह महीने तक लगातार सेवा की है। वर्ष में छह महीने से लेकर पूरे एक वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए पात्र कर्मचारियों को यथा-अनुपात भुगतान किया जाएगा। पात्रता-अवधि की गणना, सेवा के महीनों (महीनों की निकटतम पूर्णांकित संख्या) के रूप में की जाएगी। गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की मात्रा की गणना औसत परिल्बधियों/गणना की उच्चतम सीमा, इनमें से जो भी कम हो, के आधार पर की होगी। एक दिन के लिए गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की गणना करने के लिए, एक वर्ष की औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक महीने के औसत दिनों की संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके बाद दिए जाने वाले बोनस के दिनों की संख्या से इसको गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, मासिक परिलब्धियों की उच्चतम गणना सीमा को 7000/- रुपए (जहां वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000/- रुपए से ज्यादा हैं) मानते हुए, 30 दिनों के लिए गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) 7000 x 30/30.4 + 6907.89/- रुपए (पूर्णाकित 6908/- रुपए) बनेगा।
ऐसे दिहाड़ी मजदूर, जिन्होंने 6 कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले दफ़्तरों में पिछले तीन अथवा इससे अधिक वर्षों में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्षों में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है, इस गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) के भुगतान के पात्र होंगे। देय गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की राशि (1200 रुपए x 30/30.4 अर्थात 1184.21/- रुपए (पूर्णाकित 1184/- रुपए)) होगी। ऐसे मामलों में जहां वास्तविक परिलब्धियां 1200/- रुपए प्रतिमाह से कम हैं, इस राशि की गणना वास्तविक मासिक परिलग्धियों के आधार पर होगी। इन आदेशों के अंतर्गत सभी भुगतान निकटतम रुपए में पूर्णाकित किए जाएंगे।
इस मद में होने वाला व्यय दिनांक 16 दिसंबर, 2022 की व्यय विभाग की अधिसूचना के अनुसार संबंधित शीर्ष के नामे डाला जाएगा। गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की मद में होने वाला व्यय चालू वर्ष के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों के संस्वीकृत बजट प्रावधान के तहत पूरा किया जाना है। जहां तक भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग में कार्यरत व्यक्तियों का संबंध है, ये आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 148(5) के तहत यथा अधिदेशित भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के परामर्श से जारी किए गए हैं।