बालासोर जिले में हुए ट्रेन हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका शीर्ष अदालत में दायर की गई है। याचिका में इस जांच आयोग को “कवच” (KAVACH) नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश और निर्देश भी मांगे गए हैं। यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है।
तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि इस जांच आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करके दुर्घटना के मूल कारणों की जांच करने की कोशिश करनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे दुर्घटना सुरक्षा के उपायों को लागू करने और भविष्य में दुर्घटनाओं से बचने के लिए और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार से विशेष दिशा-निर्देश मांगे हैं।
तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा है कि पिछले तीन दशकों में देश में हुई रेल दुर्घटनाओं के मामले में अधिकारियों ने सुरक्षा प्रवर्तन तंत्र के विकास में धीमी गति से काम किया है। वह निश्चित करने की मांग की है कि कवच सुरक्षा प्रणाली को जल्द से जल्द स्थापित किया जाए, ताकि किसी भी ट्रेन की सुरक्षा पर कोई कमी न रहे।
इस हादसे में ओडिशा के बालेश्वर में 275 लोगों की मौत हो गई है और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा तीन ट्रेनों, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी, के आपसी टक्कर के कारण बाहानागा बाजार स्टेशन पर हुआ है।