जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधीन निजी व सरकारी स्कूलों में नए सत्र का आगाज हो चुका है, लेकिन बाजार से खासतौर पर पहली से पांचवीं कक्षा तक की पर्याप्त किताबें उपलब्ध न होने से अभिभावकों के साथ विद्यार्थी परेशान हैं। इस समस्या को लेकर पुस्तक विक्रेताओं और बोर्ड के चेयरमैन का अलग-अलग तर्क है। बोर्ड का दावा है कि उनके पास सभी पुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और पुस्तक विक्रेता ही उनके पास नहीं पहुंच रहे। पुस्तक विक्रेताओं का आरोप है कि आग्रह करने पर भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं।
जम्मू बुक सेलर एंड पब्लिशर एसोसिएशन के प्रधान हरीश गुप्ता का कहना है कि उनके पास बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंच रहे हैं, लेकिन स्कूल शिक्षा बोर्ड की खासतौर पर पहली से पांचवीं कक्षा तक की पर्याप्त किताबें न होने के कारण उनको निराश लौटना पड़ रहा हैं। नया सत्र शुरू करने से पहले बाजार तक पर्याप्त पुस्तकों की उपलब्धता को बोर्ड द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया
- विक्रेताओं का आरोप है कि आग्रह करने पर भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं।
जम्मू बुक सेलर एंड पब्लिशर एसोसिएशन के प्रधान हरीश गुप्ता का कहना है कि उनके पास बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंच रहे हैं, लेकिन स्कूल शिक्षा बोर्ड की खासतौर पर पहली से पांचवीं कक्षा तक की पर्याप्त किताबें न होने के कारण उनको निराश लौटना पड़ रहा हैं। नया सत्र शुरू करने से पहले बाजार तक पर्याप्त पुस्तकों की उपलब्धता को बोर्ड द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। एसोसिएशन के अनुसार, पहली से पांचवीं कक्षा तक की किताबें उपलब्ध नहीं है। इनमें प्रत्येक कक्षा में कुछ ही किताबें उपलब्ध हो पाई हैं। इस साल निजी व सरकारी स्कूलों में एक समान पाठ्यक्रम पढ़ाया जाना है। लेकिन किताबें उपलब्ध न होने से विद्यार्थियों के साथ अभिभावक असमंजस में हैं।