बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र 2023 का आज छठा दिन है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम बिल को पेश किया। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक के पीछे की मंशा को बरकरार रखा है। उन्होंने आगे कहा कि सदन से आज ये विधेयक पारित हो जाएगा और यह जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
जम्मू कश्मीर के संविधान का नहीं रहा अस्तित्व
उन्होंने 370 और 35ए पर बोलते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा शक्ति का प्रयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने होल्ड कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी होल्ड कर दिया है कि धारा-370 समाप्त हो चुकी है, इसलिए जम्मू कश्मीर के संविधान का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज के अपने फैसले में पुष्टि कर दी है कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था। उन्होंने आगे कहा कि जो कोई भी यह कहता है कि Article 370 स्थायी है, वह संविधान का अपमान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जम्मू में पहले 37 सीट थी, जिसको अब नए डिलिमिटेशन कमीशन ने 43 सीट कर दी है। कश्मीर में 46 सीट थी अब 47 कर दी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में पहले 83 सीट थी, जो अब बढ़ाकर 90 सीट कर दी है और इसको भारत सरकार ने भी मान लिया है। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर यानी PoK की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया है क्योंकि PoK हमारा है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला। एक गलत फैसला हो सकता है लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं अब भी कह रहा हूं कि आप राष्ट्रहित की ओर लौट आओ नहीं तो सदन में आपके चुने गए जितने भी सांसद बचे हैं वह भी नहीं रहेंगे। अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है। 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे।