हरियाणा में पानी की सियासत:  पूर्व सीएम मनोहर लाल बोले दिल्ली के लिए राज्य की जनता को प्यासा नहीं रख सकते

हरियाणा में पानी की सियासत

इन दोनों हरियाणा में पानी की सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल (Manohar Lal) ने कहा कि विपक्षी दल लोगों को भ्रमित करने के लिए तरह-तरह की हरकतें कर रहे हैं। भावनात्मक भाषण देकर बरगलाया जा रहा है। यह अनुचित और निंदनीय है। कहा जा रहा है कि हरियाणा ने दिल्ली का पानी कम कर दिया।

यह कभी संभव नहीं कि हरियाणा की जनता को प्यासा रख दिल्ली को पानी देंगे। यह सुप्रीम कोर्ट में भी कहा जा चुका है। किरण चौधरी की बेटी का टिकट कटने पर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वे आपस में लड़ते हैं तो भाजपा को फायदा है। वह वीरवार को भाजपा कार्यालय कर्ण कमल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

हरियाणा की जनता को नहीं रखेंगे प्‍यासा: पूर्व सीएम

पूर्व सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हैदरपुर और वजीराबाद में जितना पानी दिल्ली को देना होता है, उतना देते हैं। जो पानी दोनों क्षेत्रों में दिया जाता है उसे बीच में काटकर वे अलग-अलग जगह देने लगे हैं। हम उनके हिस्से से ज्यादा पानी आज भी देते हैं। जब गर्मी नहीं होती तो हम इनके कहने पर अतिरिक्त पानी भी देते हैं। मई-जून में कमी के चलते उतना पानी देते हैं, जो तय है। हरियाणा की जनता को प्यासा करके दिल्ली को पानी नहीं देंगे।

सैनी ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में किए कार्यक्रम: पूर्व सीएम

पूर्व सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी लोग प्रदेश की योजनाओं को सुनना चाहते हैं। गत 10 वर्ष में नरेन्द्र मोदी ने देश की वर्षों पुरानी समस्याएं सुलझाईं। इनके बारे में कांग्रेस कहती थी कि इन्हें छेड़ा तो गृहयुद्ध हो जाएगा। गरीबों के लिए भी अनेक काम किए। हर गांव में बिना पर्ची-खर्ची नौकरियां लगीं। उन्होंने और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में 106 कार्यक्रम किए।

शिकायत चुनाव आयोग से की गई शिकायत: मनोहर लाल

मनोहर लाल ने राहुल गांधी की ओर से मीडिया के बारे में दिए गए बयान पर कहा कि मीडिया को लिखने-बोलने की स्वतंत्रता है। आलोचना पढ़ना और सुनना आना चाहिए। सीएम ने कहा कि रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा ने घोषणापत्र में जो कहा और आठ हजार बांटने के लिए फार्म भरने शुरू कर दिए। वह वोटर को आकर्षित करने के लिए घिनौना काम है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई है। आयोग निष्पक्ष संज्ञान लेगा।