दो दिन की गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार बुधवार को हरे निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 192.73 अंक के साथ 80,930.24 रहा। ऐसे ही एनएसई निफ्टी 9.55 अंक चढ़कर 24,552.05 रहा। मंगलवार को सेंसेक्स 636.24 अंक या 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 80,737.51 पर बंद हुआ। जबकि एनएसई निफ्टी 174.10 अंक या 0.70 फीसदी गिरकर 24,542.50 पर आ गया था।
किसे फायदा-किसे नुकसान?
सेंसेक्स फर्मों में 30 में 22 शेयर हरे निशान पर खुले। एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, लार्सन एंड टूब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और नेस्ले हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे। जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, टाइटन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोटेक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजारों में सतर्कतापूर्ण तेजी वैश्विक संकेतों और घरेलू प्रवर्तकों से प्रभावित है। बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा कि व्यापार सौदों की घोषणा और इस सप्ताह के अंत में अमेरिका और चीन के बीच बातचीत की उम्मीदें बढ़ रही है। इससे व्यापार और टैरिफ पर दोनों देशों के बीच नरमी की स्थिति बन सकती है। उन्होंने कहा कि टैरिफ संबंधी चिंताओं के बावजूद अमेरिकी बाजार लचीले बने हुए हैं। इन बाजारों में लगातार दूसरे सत्र में भी बढ़त दर्ज की गई है क्योंकि खुदरा निवेशक गिरावट पर खरीदारी जारी रखे हुए हैं।
भारत के बाजारों में मिले-जुले संकेत
बग्गा ने बताया कि भारतीय बाजार भी मिले-जुले संकेतों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रमोटरों की ओर से 5 अरब डॉलर से अधिक की ब्रिकी देखी गई है। यह बाजार के लिए निराशाजनक है। हालांकि 5 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
ब्याज दरों में कटौती से भारतीय बाजारों में उम्मीद
ब्लॉक डील के कारण सप्ताह के पहले दो दिनों में विदेशी निवेशकों की स्थिति नकारात्मक रही है। यह बाजारों के लिए बड़ी परेशानी है। हालांकि, शुक्रवार को आरबीआई की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से कुछ आशा जगी है।