दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कथित यौन उत्पीड़न के आरोपी को जमानत देते हुए उनकी बेटी के माता-पिता के बीच वैवाहिक विवाद के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बात बिलकुल निष्कर्षित नहीं की जा सकती है कि लड़की को बहला-फुसलाकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया हो।
उपरोक्त निर्णय में जस्टिस विकास महाजन ने पाया कि लड़की अपनी मां के साथ चार साल से रह रही है और उसकी यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी हो गई है। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने दिलाया कि लड़की की मां और पिता ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है और उनकी पिछली शिकायतों में यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं का ‘जरा भी संदर्भ नहीं है.’
यह निर्णय उन घटनाओं के संदर्भ में है जिनमें बेटी ने अपने पिता को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता को पहले 21 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसने अदालत को बताया कि उसके और उसकी पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद है और उनकी बेटी उनके साथ रह रही है, जबकि उनका बेटा उनकी कस्टडी में है। इसके बावजूद, उसने अपनी पत्नी के खिलाफ एक पुलिस अधिकारी के साथ रहने का आरोप लगाया है, जो उसकी मदद कर रहा है। ये भी पढ़ें विश्वकर्मा योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी, ऐलान के एक दिन के अंदर मिली मंजूरी