पंजाब सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब से शादीशुदा लोग ही ईडब्ल्यूएस कोटे के मकानों के लिए पात्र होंगे। इसका मतलब है कि गरीबों को बने सस्ते मकान अविवाहित नहीं लेने दिया जाएगा। विधवाएं और तलाकशुदा व्यक्ति भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। लेकिन यह सुविधा केवल उन लोगों के लिए होगी जिनकी सालाना आय तीन लाख रुपये तक है।
पंजाब सरकार ने इस नई हाउसिंग पॉलिसी के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर जनता से सुझाव मांगे हैं। अगर सब कुछ ठीक रहता है, तो प्रस्तावित पॉलिसी को जल्द ही लागू किया जाएगा। पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के हर लाभार्थी को मकान उपलब्ध कराया जाए। इसलिए, सरकार जल्द ही कुछ हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शुरू करने की तैयारी में है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण शर्तें हैं:
- पंजाब का निवासी होना चाहिए कम से कम दस साल के लिए।
- आवंटित मकान को पंद्रह साल तक नहीं बेचा जा सकेगा।
- मकान को किराए पर नहीं दिया जा सकेगा, और हर तीन साल बाद रिन्यु करवानी होगी।
- ग्राउंड फ्लोर पर बने मकान दिव्यांग कोटे के लोगों को आवंटित किए जाएंगे।
इसके अलावा, हाउसिंग प्रोजेक्ट में डिस्पेंसरी और मोहल्ला क्लीनिक की सुविधा होगी। मकानों की कीमतें स्थानीय इकाई के अनुसार निर्धारित की जाएंगी, जो कंस्ट्रक्शन की आधार पर होगी। प्रत्येक ईडब्ल्यूएस पॉकेट में 90% घरों के लिए स्थान आवंटित किया जाएगा। तीन एकड़ से अधिक इलाकों में नये मकान नहीं बनेंगे।
पंजाब सरकार पहले से ही कई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। अब तक की तैयारी के आधार पर, इसमें बिल्डर्स को प्रोजेक्ट्स की स्थापना के लिए नियम भी तय किए गए हैं। पंजाब सरकार का हाउसिंग विभाग अब छोटे शहरों में भी रिहायशी कालोनियों का निर्माण करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
यह नई हाउसिंग पॉलिसी गरीब लोगों के लिए बड़ी सुविधा है और इससे उन्हें सस्ते मकानों का लाभ मिलेगा। पंजाब सरकार इस पहल के माध्यम से गरीबों को आवास प्रदान करने के लिए मेहनत कर रही है।
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