गुजरातमें  एक IRS  अफसर खुदको समज रहे है GST  विभागके नरेंद्र मोदी। व्यपारिओ पर जमा रहे है रौफ

गुजरात

केंद्रकी सरकारके राजमें GST विभागके ज्यादातर अधिकारी बेखौफ हो चुके है।  जिनको अब किसी का भय नहीं है।  कई अधिकारिओ के खिलाफ तो आवेदन भी हो रहे है।  अब बात  सामने आई है कच्छ के सेन्ट्रल GST  कमिश्नर पि. आनंदकुमार की जो की थोड़े समय पहलेका का एक वीडियो वायरल हुआ हुआ है, जो बहुत ही  तेजी से वायरल हो रहा है।  जिसमे वह बेख़ौफ़ बनकर अपनी तुलना वडाप्रधान नरेंद्र मोदीसे करते दिख रहे है।

इन दिनों देखा जा रहा है की यह IRS अफसर खुदको प्रधानमंत्रीसे भी ऊपर गिन रहे है।  व्यापारिओं के साथ हुई बैठकमें इन्होने किया था नाटक।

निर्दोष व्यापारिओंको भी जैसे तैसे बोलै थे यह अफसर

कमिश्नर साहब अपनी कुर्सीका पावर बता रहा है की शायद उनको मनमानी करने की छूट दी गई हो।  व्यापारी लोगोकी जैसे कोई इज्जत ही नहीं है।  

थोड़े महीने पहले भुजमे फेडरेशन ऑफ़ कच्छ इंडस्ट्रीज़ ऐसोसिएशनकी बैठक हुई थी, जहा अपने खुदके बयानों से चर्चामें रहने वाले यह IRS अधिकारी और सेन्ट्रल GST के कच्छके कमिशनर पी. आनंदकुमार और भी चर्चामे आए है।  भुजमे बजट २०२४ की हाइलाइटसका कार्यक्रम रखा गया था।  जहा व्यापारी और CGST के अफसरोंने हाजरी दी थी।  उस दौरान एक व्यापारि बैठकमें कमिश्नर पी. आनंदकुमारको झटकता हुआ दिख रहा है।  उन्होंने इन बाबूजी को इस लिए झटका था की कमिश्नर साहबने १०० से भी ज्यादा व्यापारिओंको इंतज़ार करवा कर बिठा रखा था।  फिर कमिश्नर साहब जब आए तो वह अपने विभागके अफसरोंके ऊपर ही गुस्सा करने लगे थे और इस मुख्य कार्यक्रम को भूलकर रौफ झाड़ने लगे थे।

वो खुद बोले की मैं भी प्रधानमंत्रीके जैसा ही करना चाहता था वैसा कह अपना रौफ बताना चाहते थे

गुस्सेमें आए व्यापारियों की माफ़ी मांगने की जगह पर पी. आनंदकुमार ने  वडाप्रधान मोदीकी बाते करना शुरू कर दी थी।  शर्म करने की जगह पर यह अफसर दहाड़ने लगे की जैसे पंजाबमें मोदी फिरोजपुर रोड पर ठहरकर वापिस चले गए थे वैसे मैं भी यहाँ आते वक्त वापिस चला जाना चाहता था। ऐसा ना करते हुए मैं इस बैठकमें आया हु।  और इस बैठकमें व्यापारिओंके कहने के मुताबिक कमिश्नर पी. आनंदकुमार व्यापारिओं को अपना गुलाम समझ रहे हो वैसा बर्ताव कर रहे थे।  वो प्रधानमंत्री मोदीका उदाहरण देकर व्यापारिओं को धमाका रहे हो वैसा लग रहा था।

वैसे पी. आनंदकुमारको यह याद रखना चाहिए की वो ना ही प्रधानमंत्री है, ना ही कोई राजनेता पर वो एक सरकारी मुलाजिम है।  व्यापारिओंके साथ उनके व्यापारमें हो रही दिक्कतों के बारे चर्चा करने की जगह उनको डरा धमकाकर अपनी तुलना नरेंद्र मोदीके साथ कर रहे थे जो की बिलकुल गलत है।  लगता है की शायद उनके ऊपर अच्छे सम्बन्धो के चलते उनको किसी का डर नहीं हो वैसा लग रहा था।  यहाँ व्यापारी काफी लम्बे समय से अपना काम धंधा छोड़कर उनका इंतज़ार कर रहे थे और यह अफसर समय से भी लेट आए और जब किसीने उनको कामसे बाहर की चर्चा न करने को कहा तो वो गुस्साई दिख रहे थे।  वीडियो में उनके शब्दों से पता चल रहा था की वो व्यापारिओं को गलत तरीके से दबा रहे थे और गलत तरीके से रौफ  झाड़ने की कोशिश कर रहे थे।

CBIC  और वित्त मंत्रालय क्यों ऐसे अफसरोंको सहन कर रही है क्यों उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता?

सेन्ट्रल GST के कमिश्नर के पद्द पर बिराजमान एक IRS अधिकारी को ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता।  सरकारको करोडो रुपयेका GST  देने वाले व्यापारिओंको इज्जत देने की जगह सबके सामने ऐसा बर्ताव सही नहीं है।  अब देखना यह है की दिल्लीमें बैठे उनके आला अफसर उनको कोई अच्छी सलाह देते है या फिर वो भी व्यापारिओं को सामान्य ही समझेंगे।  बता दे की इस घटना के बाद कच्छ के व्यापारिओं में भी कमिश्नर पी. आनंदकुमारके सामने रोष फैला हुआ है।  इन्ही दिनों कच्छमें CGST के अफसरोंकी और से परेशानीके कई किस्से आ चुके है।

(ब्यूरो रिपोर्ट-गुजरात)