जम्मू विश्वविद्यालय को EWS श्रेणी में नियुक्ति का अधिकार नहीं…’, आरक्षण मामले में हाई कोर्ट का अहम फैसला

जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय के पास आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडल्ब्यूएस) की श्रेणी में नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय की ओर से ईडल्ब्यूएस (EWS) के तहत समाजशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई नियुक्ति को खारिज कर दिया।

अपने फैसले में हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court) ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर ऐसी कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है जो यह दर्शाती हो कि जम्मू विश्वविद्यालय ने परिषद में कोई प्रस्ताव पारित कर या नियमों में कोई संशोधन करके ईडल्ब्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का प्रविधान रखा हो।

हाई कोर्ट ने कही ये बात

हाई कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय (Jammu University) अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी ऐसा कोई संशोधन नहीं किया है और न ही केंद्र की ओर से विश्वविद्यालयों में ईडल्ब्यूएस श्रेणी के तहत शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए यूजीएस एक्ट के तहत कोई निर्देश जारी किए गए हैं।

हाई कोर्ट ने जम्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसरों के विभिन्न पदों को भरने के लिए नौ जून, 2023 को जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की है।

यूनिवर्सिटी ने एक पद रखा आरक्षित

अधिसूचना में एक पद ईडल्ब्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षित रखा था। विश्वविद्यालय की ओर से 29 जनवरी को प्रारंभिक चयन सूची जारी की गई, जिसमें एक अभ्यर्थी का चयन ईडल्ब्यूएस श्रेणी के तहत किया था।

हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद पाया कि केंद्र सरकार ने 2019 में संविधान में आवश्यक संशोधन करने के पश्चात यूजीसी व अन्य संस्थानों को केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में दाखिला करते समय ईडल्ब्यूएस के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्देश दिया था।

EWS के तहत सीटें आरक्षित करने का दिया निर्देश

इसके चलते यूजीसी ने सभी केंद्रीय व प्रदेश विश्वविद्यालयों को शिक्षा सत्र 2019-20 में ईडल्ब्यूएस के तहत सीटें आरक्षित करने का निर्देश दिया, लेकिन कहीं भी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति में यह आरक्षण दिए जाने संबंधी निर्देश नहीं दिया गया।

हाई कोर्ट ने कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर भी यह आरक्षण देने के लिए परिषद में कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और न ही कोई संशोधन करके ईडल्ब्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का प्रविधान रखा।