आखिर क्यों महिलाओं में देखी जाती है Anemia की समस्या

Anemia एक गंभीर समस्या है, जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण होता है। रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन होता है, जो ऑक्सीजन को कैरी करने का काम करता है, लेकिन रेड ब्लड सेल्स की कमी की वजह से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता। ऑक्सीजन की कमी होने के कारण, शरीर में एनर्जी की कमी होने लगती हैं, जिसके कारण थकान, चक्कर आना, सांस फूलना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऑक्सीजन की कमी से शरीर के अन्य अंग भी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाते। एनिमिया कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग वजहों से हो सकते हैं, लेकिन इनमें Iron-Deficiency Anemia सबसे सामान्य है।

क्यों होता है एनिमिया?

आयरन की कमी

वे महिलाएं, जिनकी डाइट में आयरन की कमी होती है, उनमें एनिमिया का खतरा काफी ज्यादा होता है। इसके कारण ही आयरन डेफिशिएंसी के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। इसलिए आयरन से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। पालक, ब्रोकली, चुकंदर, शकरकंद, अंजीर आदि में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

हुकवॉर्म इन्फेक्शन

आयरन की कमी के अलावा, एनिमिया का एक बड़ा कारण हुकवॉर्म इन्फेक्शन भी हो सकता है। दरअसल, हुकवॉर्म एक पैरासाइट होता है, जो आंतों को इन्फेक्ट करता है। इस वजह से खाने से आयरन अब्जॉर्पशन में कमी होने लगती है। यानी आपका शरीर खाने से आयरन को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता। इसके कारण शरीर में आयरन की कमी होने लगती है और एनिमिया हो सकता है। हुकवॉर्म के अलावा, HIV संक्रमण और मलेरिया होने की वजह से भी आयरन डेफिशिएंसी एनिमिया हो सकता है।

विटामिन-बी12 की कमी

आयरन की कमी के कारण होने वाले एनिमिया के अलावा, परनिशियश एनिमिया भी काफी साधारण है। यह शरीर में विटामिन-बी12 की कमी की वजह से होता है। यह ज्यादातर शाकाहारी लोगों को होता है क्योंकि इस पोषक तत्व का मुख्य स्त्रोत जानवरों से मिलने वाला भोजन है, जैसे अंडे, कलेजी, सार्डिन, टूना, ओएस्टर्स, साल्मन आदि। हालांकि, शाकाहारी लोग भी अपनी डाइट में फॉर्टिफाइड दूध, दही, पालक, चीज आदि को शामिल करके, विटामिन-बी12 की कमी को दूर कर सकते हैं।

कैसे कर सकते हैं एनिमिया से बचाव?

एनिमिया की वजह से व्यक्ति के रोज के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। अगर यह गंभीर रूप ले ले या लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी से बचाव किया जाए। एनिमिया से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इस बारे में लोगों को बताया जाए। जानकारी के आभाव की वजह से लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसलिए स्कूल, कॉलेज, गांवों आदि में लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए स्कूलों में सरकार द्वारा आयरन की गोलियां भी मुहैया करवाई जाती हैं। साथ ही, आयरन और विटामिन-बी12 से भरपूर खाना खाएं या अच्छी डाइट लेने के बावजूद इनकी कमी दूर न होने पर डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि वे आपके सप्लीमेंट्स दे सकें और इसका कारण पता लगा सकें। साथ ही, समय-समय पर डिवॉर्मिंग भी करनी चाहिए, ताकि हुकवॉर्म जैसे पैरासाइट्स शरीर में घर न बना सकें। इसके लिए भी डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।