एमपीसी बैठक में रेपो रेट स्थिर रखने का लिया गया फैसला, 6.5 फीसदी ब्याज रहेगा बरकरार

केंद्रीय बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में 3 अप्रैल 2024 से एमपीसी बैठक शुरू हुई थी। आज इस बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया है। इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। देश की महंगाई को ध्यान में रखते हुए समिति ने यह फैसला लिया है।

नहीं बदला रेपो रेट

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक के फैसलों का एलान किया। उन्होंने कहा कि इस बार भी समिति ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रहेगा।

लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वैसे समिति खाद्य महंगाई को लेकर सतर्क है।

मई 2022 के बाद से 250 आधार अंकों तक लगातार छह दरों में बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद पिछले साल अप्रैल में रेपो रेट में वृद्धि को रोक दिया गया था।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी खाद्य मुद्रास्फीति पर नजर रखेगी।

समिति के छह मेंबर में से 5 ने रेपो रेट को स्थिर रखने के लिए मत दिया था। 5:1 के बहुमत से ब्याज दर को स्थिर रखने का फैसला लिया गया। बता दें कि फरवरी में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 5.1 फीसदी थी।

नहीं होगी कम ईएमआई?

केंद्र बैंक रेपो रेट के दर से बैंक को कर्ज देता है। अगर रेपो रेट में कटौती होता है तो ईएमआई कम हो जाती है। वहीं, रेपो रेट में इजाफा की वजह से लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है। समिति ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि लोन की ईएमआई कम नहीं होगी।