कुछ इस तरह से जम्मू में पूर्व सांसद लाल सिंह के घर पर ईडी ने मारी रेड

सांसद लाल सिंह
सांसद लाल सिंह

बड़ी खबर यह है कि डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के संस्थापक एवं पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह, उनकी पत्नी और एक पूर्व सरकारी अधिकारी द्वारा संचालित एक शैक्षिक ट्रस्ट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ईडी ने कठुआ स्थित उनके निवास में छापा मारने की खबरें आ रही है!

गेट अंदर से बंद किया गया था गेट

मिली जानकारी के अनुसार यह सारी कार्रवाई घर के भीतर चल रही है। साथ ही भीच मुख्य गेट को अंदर से बंद किया गया है किसी को भी बाहर से अंदर और अंदर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है।
साथ ही वहीं ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जम्‍मू, कठुआ और पंजाब के पठानकोट में लगभग आठ परिसरों पर छापेमारी की गई है।
इसके साथ ही लाल सिंह के कठुआ स्थित निवास में ईडी की छापेमारी के विरोध में उनके समर्थकों ने बाहर नारेबाजी की।
वहीं, मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया ये केंद्र सरकार की तानाशाही है क्योंकि जो भी सरकार के खिलाफ उनके काले कारनामों का चिट्ठा खोलता है उसके खिलाफ ही ऐसी कार्रवाई होती है।

इसके साथ ही मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने उन्हें काबू किया। ईडी की छापेमारी के दौरान पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह अपने घर पर ही रहे।

बदले की भावना का सरकार पर लगाया गया आरोप

बता दें कि पिछले वर्ष भी सीबीआई ने लाल सिंह के इसी निवास पर छापेमारी की थी। साथ ही ये कार्रवाई सुबह 7:30 से हुई। बता दें कि लाल सिंह खुद अपने परिवार के साथ अपने घर पर हैं। इसके साथ ही ईडी अधिकारियों ने कानून का हवाला देते हुए सबका फोन बंद करवा दिया। लेकिन बाहर उनके समर्थकों का जमावड़ा बढ़ रहा है।

जम्मू से आए कई समर्थक

बता दें कि जम्मू से भी उनके कई समर्थक जहां इस कार्रवाई का विरोध करने के लिए पहुंच गए हैं। उनका दावा है कि लाल सिंह पूरी तरह से साफ है पूर्व सीबीआई की भांति इस कार्रवाई से भी साफ निकलेंगे।

ये सिर्फ बदले की कार्रवाई है क्योंकि वह मौजूदा सरकार के कार्य-प्रणाली पर जमकर सवाल उठाते हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।

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इस मामले में सीबीआई ने दायर अक्टूबर 2021 के आरोप पत्र में 100 मानक की अधिकतम सीमा के उल्लंघन के संबंध में विवरण का उल्लेख किया। साथ ही 2011 के बीच भूमि जारी करने में आपराधिक मिलीभगत का आरोप लगाया गया था।

ईडी की छानबीन के बाद यह आया सामने
जानकारी के अनुसार इसके आधार पर ट्रस्ट ने 5 जनवरी और 7 जनवरी, 2011 को निष्पादित तीन उपहार कार्यों के माध्यम से लगभग 329 कनाल भूमि के कई टुकड़े हासिल किए, जैसा कि सीबीआई के आरोप पत्र में दावा भी किया गया है

। साथ ही ईडी की छानबीन के बाद सामने आया है कि ट्रस्ट द्वारा डीपीएस स्कूल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को चलाने के लिए अतिरिक्त भूमि का सक्रिय रूप से उपयोग किया जा रहा है।

बता दें कि मंगलवार की तलाशी में शामिल परिसरों में ट्रस्ट, अध्यक्ष, भूमि दाताओं, भूमि दाताओं की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों, गवाहों से संबंधित लोग शामिल हैं।

इन्होंने कार्यों को निष्पादित किया था और तत्कालीन पटवारी जिन्होंने गलत तरीके से आरबी शैक्षणिक ट्रस्ट को निष्पादित करने के लिए फर्द जारी किया था।