बिहार में जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी, पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13% है

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बिहार में हुई जाति आधारित गणना (Bihar Caste Based Survey) की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी गई। इस गणना के आधार पर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13% है, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01% है और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52% है।

बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है, जिसमें बिहार के बाहर रहने वालों की संख्या भी शामिल है। अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जाति आधारित गणना की रिपोर्ट का जारी होने की जानकारी दी।

इस गणना के आधार पर बिहार में पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है, जिसमें बिहार के बाहर रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है।

इस गणना के अनुसार, पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है।

गणना के अनुसार, बिहार में सबसे अधिक हिंदुओं की संख्या है, जिनकी संख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है, और मुस्लिम की संख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है।

इस जनगणना का उद्देश्य राज्य सरकार को जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद करना है, ताकि आरक्षण और विभिन्न योजनाओं को समुचित रूप से क्रियान्वित किया जा सके।

इस गणना के अनुसार बिहार सरकार ने राज्य में जाति आधारित गणना को संपन्न किया है, और यह जनसंख्या और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

जनगणना के आधार पर बिहार सरकार अब योजनाओं को लागू करने और समाज के सबसे अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कदम उठाएगी, ताकि सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर मिल सकें।

इस गणना के आधार पर बिहार की आबादी में अभी तक अप्रत्याशित परिवर्तनों के बावजूद, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि विकास के प्रत्येक क्षेत्र में समर्थन प्रदान किया जाएगा, ताकि बिहार का समृद्धि की ओर कदम बढ़ा सके।

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