Sunny Dubey
पिछले दिनों खबर आई थी कि वित्त मंत्रालय, RBI और SEBI जैसे फाइनेंशियल रेगुलेटर मिलकर एक कमेटी बना रहे हैं। इस कमेटी का मुख्य काम यह पता लगाना होगा कि खुदरा निवेशक (Future & Options Trading) में कंगाल कैसे हो रहे हैं। लेकिन, साथ में कमेटी यह भी पता लगाएगी कि कहीं नौजवान निवेशक पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश तो नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में पर्सनल लोन की ग्रोथ काफी तेज हुई है। बैंक या वित्तीय संस्थान पर्सनल लोन देते वक्त ग्राहक से यह नहीं पूछते कि वह इन पैसों का क्या करेगा। ऐसे में पता नहीं चलता कि पर्सनल लोन की रकम का क्या हुआ। जिस तरह से युवा निवेशक फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में लुट रहे हैं, उससे शक हो रहा है कि क्या वे पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं।
आइए समझते हैं कि क्या पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करना सही है और इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
आइए समझते हैं कि क्या पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करना सही है और इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
पर्सनल लोन लेकर ट्रेडिंग करनी चाहिए?
अगर आप नए ट्रेडर हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप बचत के पैसों को शेयर मार्केट में निवेश करें। हालांकि, पिछले कुछ समय में कई शेयर काफी शानदार रिटर्न दिया है। जोमैटो जैसे स्टॉक पिछले एक साल में 250 प्रतिशत रिटर्न दे चुके हैं। ऐसे में अगर आप पर्सनल लोन लेकर शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, तो मुनाफे की गुंजाइश रहती है।
लेकिन, आपको ध्यान रखना होगा कि यह जुए जैसा है। आपका एकाध दांव सही लग सकता है, लेकिन हर बार नहीं। इस बात की पूरी आशंका रहती है कि 10 में 9 या फिर दसों बार आप गलत साबित हो जाएं। उस स्थिति में आप कर्ज कैसे चुकाएंगे। इस पर विचार कर लेना चाहिए।
पर्सनल लोन चूंकि अनसिक्योर्ड लोन होते हैं, तो इस पर बैंक ब्याज भी भरपूर वसूलते हैं। SBI जैसे सरकारी बैंक में पर्सनल लोन पर ब्याज दर 11 से 14 प्रतिशत के बीच है। वहीं, HDFC बैंक 10 से लेकर 20 प्रतिशत के बीच की ब्याज दर पर पर्सनल लोन देता है। मतलब कि अगर आपका रिटर्न 10 प्रतिशत से कम रहता है, तो बैंक का ब्याज भी आपको अपनी जेब से चुकाना होगा।
इसे बस एक सूरत में अच्छा कहा जा सकता है कि अगर आपने पहले से शेयर मार्केट में ठीक-ठाक निवेश कर रखा हो और उनसे दमदार रिटर्न मिल रहा है। फिर अगर आपको लगे कि कोई स्टॉक बहुत अच्छा करने वाला है, लेकिन आपके पास नकद पैसे नहीं हैं, तो आप पर्सनल लोन लेने के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन, यह पर्सनल लोन लेना आपका पहला नहीं, आखिरी विकल्प होना चाहिए।
पर्सनल लोन से ट्रेडिंग करने के नुकसान
अगर आप पर्सनल लोन लेकर ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो आप वित्तीय बोझ हद से ज्यादा बढ़ सकता है। आपको हर महीने ब्याज चुकाना पड़ेगा और यह दबाव अच्छा निवेशक होने के बावजूद आपसे गलतियां करवा सकता है। फिर शेयर मार्केट देश-विदेश की छोटी-बड़ी घटनाओं को लेकर काफी संवेदनशील होता है। अभी ईरान-इजरायल तनाव की ही बात करें, तो इसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार कई दिनों तक लाल निशान में बंद हुआ।
फिर आपने जिस कंपनी के शेयरों में निवेश किया है, उसके साथ भी कुछ गलत हो सकता है। जैसे कि उसका रिजल्ट खराब आ जाए या फिर वह किसी कानूनी पचड़े में फंस जाए। इसका सीधा असर आपके पोर्टफोलियो पर पड़ेगा और आप पर लोन की EMI चुकाने का दबाव और बढ़ जाएगा। अगर शेयर अच्छा भी प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें कम से कम 10-11 प्रतिशत से अधिक रिटर्न देना पड़ेगा।