पुतिन की जमकर आलोचना करता है ISIS-खुरासान आतंकी समूह, 2 सालों से रूस था टारगेट; इन तीन देशों पर कर चुका है हमला

22 मार्च की रात रूस की राजधानी मॉस्को बम और गोलीबारी से दहल उठा। क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल में हुए हमले में चारों तरफ केवल आग धधक रही थी। गोलीयों की आवाज के बीच डरे हुए स्थानीय लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। इस हमले में कम से कम 60 मारे गए और 145 लोग घायल हुए है।

बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) खुरासान का हाथ है। व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है। दरअसल, हमले के कुछ ही घंटों बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि यह समूह अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत या आईएसआईएस-के ( ISIS-K) है। आखिर क्यों आईएसआईएस-के ने इस हमले को अंजाम दिया और क्या है यह आतंकवादी समूह? वहीं, यह कैसे संचालित होता है? आइये यहां सब जानें।

ISIS-K आतंकवादी समूह की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा की गई थी। अमेरिकी हवाई हमलें और अफगान कमांडो की छापेमारी के कारण इस समूह के कई नेता मारे गए। इस दौरान समूह ने 2021 तक अपने सैनिकों की संख्या लगभग 1,500 से 2,000 तक कर दिया था। 2021 में ही अफगानिस्तान की सरकार गिर गई और तालिबान ने यहां कब्जा कर लिया।

इन बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) खुरासान का हाथ है। व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है। दरअसल, हमले के कुछ ही घंटों बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि यह समूह अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत या आईएसआईएस-के ( ISIS-K) है। आखिर क्यों आईएसआईएस-के ने इस हमले को अंजाम दिया और क्या है यह आतंकवादी समूह? वहीं, यह कैसे संचालित होता है? आइये यहां सब जानें

ISIS-K आतंकवादी समूह की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा की गई थी। अमेरिकी हवाई हमलें और अफगान कमांडो की छापेमारी के कारण इस समूह के कई नेता मारे गए। इस दौरान समूह ने 2021 तक अपने सैनिकों की संख्या लगभग 1,500 से 2,000 तक कर दिया था। 2021 में ही अफगानिस्तान की सरकार गिर गई और तालिबान ने यहां कब्जा कर लिया

न्यूयॉर्क स्थित सुरक्षा परामर्श फर्म सौफान ग्रुप के आतंकवाद विरोधी विश्लेषक कॉलिन पी. क्लार्क ने बताया कि आईएसआईएस-के पिछले दो सालों से रूस को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। यह समूह अक्सर अपने प्रचार में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर वी. पुतिन की आलोचना करता है। आईएसआईएस-के अफगानिस्तान, चेचन्या और सीरिया में मॉस्को के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए क्रेमलिन पर मुस्लिमों का खून होने का आरोप लगाता रहा है।