भाजपा से टिकट कटने के बाद मौजूदा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) का पहला रिएक्शन सामने आया है। वरुण गांधी ने बुधवार को एलान करते हुए कहा कि वह पीलीभीत सीट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
वरुण गांधी ने कहा, ”बिना किसी भेदभाव के अपने निर्वाचन क्षेत्र और उसके लोगों की भलाई और कल्याण के लिए किए गए मेरे सभी ईमानदार योगदानों के बावजूद मेरे साथ क्या हुआ, इसकी मुझे उम्मीद नहीं थी।” भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, “जितिन प्रसाद ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, जो नामांकन प्रक्रिया के समापन का प्रतीक है।”
पीलीभीत 1989 से भाजपा सांसद मेनका और फिर वरुण गांधी का गढ़ रहा है, जब उन्होंने जनता दल के बैनर तले इस निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पहली लोकसभा जीत हासिल की थी।
वह 1991 का चुनाव हार गई थीं, लेकिन 1996 में उन्होंने फिर से पीलीभीत सीट जीत ली और 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी इस सीट से जीतती रहीं।
2009 में उन्होंने वरुण गांधी को कमान सौंपी जो बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर जीते थे। मेनका गांधी 2009 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर स्थानांतरित हो गईं, 2014 में पीलीभीत लौट आईं और 2019 में वापस सुल्तानपुर चली गईं। बता दें, 1989 के बाद यह पहला चुनाव होगा, जब मेनका गांधी और उनके बेटे पीलीभीत से मैदान में नहीं होंगे।