मौसम बदलने से किसानों को सता रहा गेहूं के काले होने का डर

 सोमवार शाम शुरू हुई हल्की वर्षा और तेज हवा से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। अभी किसान गेहूं की कटाई की तैयारी कर ही रहे थे, जबकि कुछ ने शुरू भी कर दी थी। लेकिन अचानक मौसम में आए बदलाव के बाद हल्की वर्षा शुरू हो गई है।

हालांकि, अभी कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है। अगर ज्यादा वर्षा हुई तो गेहूं के दाने काले हो सकते हैं। जिन गांवों में जलस्तर काफी ऊपर है, वहां ज्यादा वर्षा पड़ने से खेतों में पानी जमा होने से फसल जमींदोज हो सकती है।

किसान मदन लाल, प्रेम नाथ, बनारसी दास, दर्शन लाल, कुलदीप राज का कहना है कि बेमौसम की वर्षा से पकी हुई फसल को नुकसान पहुंच सकता है

उन्होंने कहा कि अभी सरसों, मसूर, चना की कटी हुई फसल खेतों में पडी हुई है। गेहूं की फसल की कटाई की तैयारी किसान कर रहे थे। अगर ज्यादा वर्षा हुई तो गेहूं के दाने काले पड़ने से किसानों के लिए अनाज बेचना भी मुश्किल हो जाएगा।

किसानों का कहना है कि कंडी व सीमावर्ती गांवों को छोड़ उप मंडल में किसानों ने धान वाली भूमि पर गेहूं लगा रखी है। ज्यादा वर्षा होने से वहां पानी जमा हो जाता है, जिससे पकी हुई फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

वहीं कृषि विभाग उपमंडल हीरानगर के एसडीओ अश्विनी शर्मा का कहना है कि इस बार उपमंडल में दस हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं लगी हुई है।

ज्यादा बारिश से होता है फसल को नुकसान

हल्की वर्षा से तो फसल को तो कोई नुकसान नहीं होता। ज्यादा वर्षा से नुकसान हो सकता है। उधर, बिलावर उपजिले में भी मौसम में आए बदलाव से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं।

हल्की बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है। पिछले तीन दिनों से हो रही हल्की बूंदाबांदी के कारण गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ रहा है, जिससे किसान परेशान है।

किसान मेहर चंद, सागर सिंह, अनिल चंद आदि ने बताया कि लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के दौरान तेज हवाओं और बारिश से गेहूं की पकी फसल खराब होने की संभावना है। बहरहाल, पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के कारण बैसाख के महीने में ठंड का एहसास होने लगा है।