ADJOURMENT, 23 मार्च (वार्ता)- लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच भारी हंगामे के कारण पीठासीन अधिकारी को सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित करनी पड़ी। भाेजनावकाश के बाद दो बजे जैसे ही पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही शुरु की विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर जेपीसी की मांग करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से कहा कि जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखे जा रहे हैं तो सदस्य शांत हो गये। श्री अग्रवाल ने जरूरी कागजात रखने के बाद जैसे ही नियम 377 के तहत मामले उठाने को कहा तो विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया और सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाकर न्याय देने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।
ADJOURMENT: लोकसभा की कार्यवाही 6.00 बजे तक स्थगित
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने को कहा लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई और उन्होंने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह 11 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही शुरु करते ही स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ सदन के तीन पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया। शहीदों और सदन के पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोकसभा में एक मिनट का मौन रखा गया।
अध्यक्ष ने उसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तो विपक्षी सदस्य नारेबाज़ी करने लगे। जवाब में सत्तापक्ष के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाज़ी करने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि वह सदन को चलाना चाहते हैं, प्रश्नकाल के बाद नियमों के अनुरूप सभी सदस्यों को बोलने का मौक़ा दिया जाएगा। हंगामा नहीं रुका तो श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।