मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों की मौत के मामले में केंद्रीय पर्यावरण, वन मंत्रालय और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। हलफनामे में उन्होंने कहा है कि यह चीतों की मौत चिंताजनक नहीं है और इसका खास ध्यान रखा जा रहा है। कुल 20 रेडियो कॉलर्ड चीते साउथ अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे।
24 शावकों में से 8 की मौत
हलफनामे में बताया गया है कि नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिससे उनकी कुल संख्या 24 हो गई थी, लेकिन इसमें से 8 की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने चीतों की मौत को प्राकृतिक बताया है और कहा है कि इन्हें न तो शिकार किया गया है और न ही उन्हें किसी ने जहर दिया है।
सरकार के अनुसार चीतों का सरवाइवल रेट काफी कम है, खासकर एडल्ट चीतों में सिर्फ 50% चीतों का सरवाइवल रेट है। नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी के मुताबिक, कूनो पार्क में अभी भी 15 एडल्ट चीते और एक शावक मौजूद हैं।
स्टेयरिंग कमेटी प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही
सरकार ने स्टेयरिंग कमेटी गठन की है, जो प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है और स्थिति को मॉनिटर कर रही है। इसमें वाइल्डलाइफ, वन, सोशल साइंड, इकोलॉजी, पशु डॉक्टर और अन्य विभागों के विशेषज्ञ शामिल हैं। पिछले साल प्राकृतिक बाघों को बढ़ावा देने के लिए नामीबिया से लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया था।
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