केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन एक अहम कदम उठाया है. शाह ने भारतीय आपराधिक कानूनों में संपूर्ण बदलाव को लाने के लिए एक विधेयक पेश किया। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो यह भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता के तहत एकीकृत कर देगा।
‘राजद्रोह की धारा को पूरी तरह से खत्म होगी’- शाह
अमित शाह ने इस विधेयक के माध्यम से देश के न्याय प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि इससे राजद्रोह की धारा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। आगे उन्होंने उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि पहचान छिपाकर शारीरिक संबंध बनाना गलत है और इसे अब अपराध माना जाएगा। इसके साथ ही अमित शाह ने लव जिहाद को अपराध की श्रेणी में रखने का भी फैसला किया है। उन्होंने यह भी बताया कि अपराधी की गैर मौजूदगी में भी केस चलेगा और सजा सुनाई जाएगी।
Union Home Minister Shri @AmitShah is speaking in the Lok Sabha. https://t.co/ZYylppuaz7
— BJP (@BJP4India) August 11, 2023
अमित शाह ने इस महत्वपूर्ण कदम के साथ-साथ यह भी बताया कि 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए कानूनों के मुताबिक चलती आई है। इस विधेयक के माध्यम से तीनों कानूनों को बदलकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है।
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