मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा निशाना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर कहा कि यह चुनाव आयोग है या चुनाव चूक। भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है। वह भी तब, जब कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। अगर हम स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते तो हमारे लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो जाएगा। ईसीआई अब गिरने वाली अंतिम संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी। चुनाव आयुक्तों के चयन की नई प्रक्रिया अब प्रभावी रूप से सत्तारूढ़ दल और पीएम मोदी के पास चली गईं हैं। कार्यकाल पूरा होने के 23 दिन बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए।
केसी वेणुगोपाल ने भी की आलोचना
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने एक्स पर कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दिया है। ईसीआई कैसे काम कर रही है। संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है। सरकार उस पर किस तरह दबाव डालती है, इस बारे में कोई पारदर्शिता नहीं है। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है। ईसीआई को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए।
कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार से स्वीकार कर लिया है। अभी तक यह साफ नहीं हुआ कि उन्होंने पद क्यों छोड़ा। गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे। वे नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे। अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय ईसी में अब केवल एक सदस्य ही बचा है