बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी जयंती के अवसर पर जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में हिन्दू की आबादी 81.9986 परसेंट बताई गई है, मुस्लिम आबादी 17.7088 परसेंट है, और ईसाई आबादी 0.576 परसेंट है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में कुल 13 करोड़ की आबादी में पिछड़ा वर्ग (27.1286 परसेंट), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36.0148 परसेंट), अनुसूचित जाति (19.6518 परसेंट), अनुसूचित जनजाति (1.6824 परसेंट), और अनारक्षित (15.5224 परसेंट) है।
सीएम नीतीश ने ट्वीट कर जताई खुशी
सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर खुशी जताई है। डिप्टी सीएम ने इसको ऐतिहासिक पल बताया है। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को मैं बहुत-बहुत बधाई”।
विधानमंडल में जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से फैसला लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद इसकी स्वीकृति दी थी। इसके आधार पर जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में जानकारी मिली है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति का भी पता चला है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए काम की जाएगा। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी।
लालू यादव ने किया ट्वीट
वहीं दूसरी तरफ लालू यादव ने कहा कि “सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी भारेदारी हो। हमारा शुरू से कहना है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार आएगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी बीजेपी को सत्ता से हटाएंगे”।
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