CBI ने अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप घोटाले में दर्ज की एफआईआर, 21 राज्यों में हुआ था यह घोटाला

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप घोटाले में आरोपी अदालत में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप है। यह घोटाला 21 राज्यों में हुआ था, जिसमें कुल 830 फर्जी संस्थान शामिल थे और 2017 से 2022 के बीच अल्पसंख्यक मंत्रालय को लगभग 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इस स्कॉलरशिप घोटाले के अंतर्गत, CBI ने धन के गबन के आलोचना पर ध्यान केंद्रित किया है और मंत्रालय द्वारा नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NSPR) को थर्ड पार्टी इवैल्यूऐशन के लिए नियुक्त किया है।

मंत्रालय ने इस घोटाले की जांच के दौरान 1,572 संस्थानों की पहचान की थी, और रेड फ्लैग के आधार पर मूल्यांकन किया था। इस प्रक्रिया में, 830 संस्थान फेक पाए गए थे, जिन्होंने फर्जी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था।

केंद्र सरकार के तहत हर साल लगभग 65 लाख छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्तियों के तहत स्कॉलरशिप मिलती है, जिसमें प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, और मेरिट-कम मीन्स शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत, अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को भी स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है।

इस घोटाले के चश्मदीद होने से, सरकार ने सख्ती से इस प्रकार के घोटालों के खिलाफ कदम उठाने का संकेत दिया है और ऐसे आपराधिक क्रियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रतिबद्ध है।

यह मामला गंभीर है और इस पर न्यायिक प्रक्रिया के दौरान आगे की कदम चूकी है, ताकि घोटालेबाजों को सख्त सजा मिल सके। आने वाले दिनों में इस मामले की और जानकारी उपलब्ध होगी