न्यू दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखकर संसद की नई इमारत की आलोचना की है। उन्होंने लिखा कि संसद की नई इमारत को ‘मोदी मल्टीप्लेक्स’ या ‘मोदी मैरियट’ कहना चाहिए, और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्देश्यों को पूरा करने के रूप में देखा है।
जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा, “चार दिनों के बाद मैंने महसूस किया है कि संसद की नई इमारत के अंदर और लॉबी में बातचीत खत्म हो गई है। अगर वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है तो संविधान को दोबारा लिखे बिना ही प्रधानमंत्री सफल हो चुके हैं।”
वह नई इमारत के बारे में भी आलोचना करते हुए लिखे, “पुरानी इमारत में एक आभा थी, साथ ही यहां बातचीत करना भी आसान था। एक सदन से दूसरे सदन जाने में, सेंट्रल हॉल में और कॉरिडोर्स में चलना-फिरना आसान था। नई संसद में सदन को चलाने के लिए दोनों सदनों के बीच का बॉन्ड कमजोर हुआ है।”
उन्होंने और भी जानकारी दी, “पुरानी इमारत में खुलेपन का एहसास होता था, जबकि नई इमारत में बंद जगहों पर घुटन महसूस होती है।”
जयराम रमेश ने आपने पोस्ट के अंत में लिखा कि “2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा।”
रिस्पॉन्स में, आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नेता इंद्रेश कुमार ने इसका जवाब दिया और कहा कि “नई संसद अब एक सच्चाई है। क्या जयराम रमेश ये कह रहे हैं कि वह एक नई संसद बनाएंगे? क्योंकि उन्होंने ये तो नहीं कहा है कि वह पुरानी संसद जाएंगे।”
संसद की नई इमारत का आधिकारिक उद्घाटन हाल ही में हुआ था, और इसके बाद से ही संसदीय कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। इस नई इमारत के साथ, पुरानी संसद को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाएगा।
ये भी पढ़ें दिल्ली सरकार ने रामलीला और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल के लिए छूट दी