बता देंं कि कोरोना के खतरे को देखते हुए जिले के सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी, आइपीडी में भर्ती से पहले मरीजों की कोरोना जांच की जाएगी। साथ ही कोविड के मामले न होने से जांच बंद थी, लेकिन अब यह जांच दोबारा शुरू कर दी गई है। मरीज की एंटीजन जांच की जाएगी।
रिपोर्ट पॉजिटिव और लक्षण नजर आने पर आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। कोई भी पॉजिटिव आता है तो उसका कोविड गाइडलाइन के तहत इलाज किया जाएगा। जिला अस्पताल में प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज आते हैं। 70-80 मरीज सर्जरी, नेत्र, मेडिसिन, गायनी वार्ड में भर्ती होते हैं।
लक्षण वाले व बुखार के मरीजों की जरूर हो जांच
अभी तक बिना कोविड जांच के मरीज भर्ती हो रहे थे। कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे से निपटने के लिए भर्ती मरीजों की जांच शुरू की गई हैं। लक्षण वाले व बुखार के मरीजों की जरूर जांच कराई जाएगी।
ऑपरेशन से पहले भी मरीजों की जांच कराई जा रही है। सेक्टर-19 की रहने वाली बबिता का कहना है कि डॉक्टर ने पैर में फ्रैक्चर की बात कहकर ऑपरेशन के लिए कहा है। स्वास्थ्यकर्मियों ने भर्ती से पहले कोरोना जांच के लिए बोला है।
जिला अस्पताल के पैथोलाजिस्ट डॉ. एचएम लवानिया का कहना है कि अस्पताल में आरटीपीसीआर व एंटीजन दोनों जांच हो रही हैं। प्रतिदिन 150 जांच होती है।
भर्ती से पहली मरीज की जांच की जाती है। वहीं सेक्टर-24 स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) अस्पताल, जिम्स, चाइल्ड पीजीआइ और सभी सीएचसी पर भर्ती से पहले मरीजों की जांच शुरू की है।