सरकार ने किसानों के सामने क्या-क्या प्रस्ताव रखे थे?
13 फरवरी से शुरू हुए किसान आंदोलन में किसान संगठनों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। उनका कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों पर एमएसपी मिले। पिछले किसान आंदोलन में भी यह मांग प्रमुख थी।
एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान और सरकार के बीच पिछले कुछ दिनों में चार वार्ताएं हो चुकी हैं। अंतिम वार्ता रविवार (18 फरवरी) को हुई थी। इसमें सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने हिस्सा लिया।
पीयूष गोयल के मुताबिक, सरकार ने मिलकर एक बहुत ही सुलझा हुआ विचार प्रस्तावित किया। सरकार समर्थित राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता (एनसीसीएफ) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नफेड) जैसी सहकारी समितियां अगले पांच साल के लिए एक अनुबंध करेंगी। इस अनुबंध के तहत समितियां किसानों से एमएसपी पर उत्पाद खरीदेंगी, जिसमें मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी। सरकार के अनुसार ये समितियां एमएसपी पर कपास और मक्का के अलावा तीन दालों अरहर, उड़द और मसूर की खरीद करने के लिए तैयार हैं।