जी 20: क्रिप्टो पर नीतिगत आम सहमति के उपायों पर विचार-विमर्श

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G20, बेंगलुरु 25 फरवरी (वार्ता): आभासी (क्रिप्टो) संपदा को लेकर जी 20 वित्त मंत्री एवं केन्द्रीय बैंक गवर्नर (एफएमसीजीबी) की यहां आयोजित बैठक से पहले “नीतिगत परिप्रेक्ष्य: क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर नीतिगत आम सहमति के उपायों पर विचार-विमर्श” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। क्रिप्टो की दुनिया में तेजी से क्रमिक-विकास के बावजूद, क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए कोई व्यापक वैश्विक नीतिगत रूपरेखा नहीं है। क्रिप्टो परिसंपत्तियों और पारंपरिक वित्तीय क्षेत्र के बीच व्यापक अंतर्संबंधों के साथ-साथ क्रिप्टो परिसंपत्तियों की जटिलता और अस्थिरता आदि से सम्बंधित चिंताओं को देखते हुए, नीति-निर्माता सख्त विनियमन पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।

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वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी), भुगतान और बाजार अवसंरचना संबंधी समिति (सीपीएमआई), प्रतिभूति आयोगों का अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईओएससीओ) और बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (बीसीबीएस), जैसे वैश्विक मानक-निर्माण निकाय अपने संबंधित संस्थागत कार्यादेशों के भीतर काम करते हुए नियामक एजेंडे का समन्वय कर रहे हैं। भारत वित्तीय एकीकरण चिंताओं से परे क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर जी20 चर्चा में अर्थव्यवस्था में क्रिप्टो को बड़े पैमाने पर अपनाने और इसके आर्थिक प्रभाव आदि विषयों को शामिल करना चाहता है। क्रिप्टो परिसंपत्तियों की वैश्विक चुनौतियां और अवसर; के लिए डेटा-आधारित और सूचित दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी, ताकि जी20 सदस्य एक समन्वित और व्यापक नीतिगत उपायों को अंतिम रूप दे सकें। क्रिप्टो परिसंपत्तियों के व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता प्रभावों के बारे में नीति निर्माताओं को जानकारी देने के लिए, भारत की अध्यक्षता ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से जी20 वित्त और केन्द्रीय बैंक उप-प्रमुख की दूसरी बैठक के लिए एक चर्चा पत्र तैयार करने का अनुरोध किया था। उक्त बैठक के दौरान, “नीतिगत दृष्टिकोण: क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर नीतिगत आम सहमति के उपायों पर विचार-विमर्श” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसे क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर संवाद को व्यापक बनाने से जुड़े भारतीय अध्यक्षता के प्रयासों के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया। आईएमएफ के टोमासो मैनसिनी-ग्रिफोली ने कार्यक्रम में चर्चा पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें किसी देश की अर्थव्यवस्था की आंतरिक और बाहरी स्थिरता के साथ-साथ इसकी वित्तीय प्रणाली की संरचना पर क्रिप्टो अपनाने से होने वाले परिणामों पर प्रकाश डाला गया।

ग्रिफोली ने रेखांकित किया कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों के कथित लाभों में सस्ता और तेज गति से सीमा-पार भुगतान, अधिक एकीकृत वित्तीय बाजार और वित्तीय समावेश में वृद्धि शामिल है, लेकिन इन्हें अभी तक हासिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आपसी-संचालन, सुरक्षा और दक्षता की समस्याओं की गारंटी निजी क्षेत्र द्वारा नहीं दी जा सकती है और खाता बही के लिए महत्वपूर्ण डिजिटल अवसंरचना/प्लेटफॉर्म को सार्वजनिक भलाई के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने क्रिप्टो परिसंपत्तियों की दुनिया से संबंधित वैश्विक सूचनाओं की कमी और जी20 के तत्वावधान में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के आपसी-सम्बन्ध, अवसरों और जोखिमों पर गहरी समझ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। जी20 सदस्य देशों के उप-प्रमुखों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इस विषय के प्रख्यात विशेषज्ञों ने भाग लिया।

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