‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारंभ

अमृत परियोजना
अमृत परियोजना

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (वार्ता): आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता जी ने रविवार को ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारंभ किया। परियोजना का आयोजन पूरे देश के 27 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 730 शहरों के1,100 से ज्यादा स्थानों पर एक साथ किया गया।

बाबा हरदेव सिंह जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा सतगुरु माता के निर्देशन में ‘अमृत परियोजना’ का आयोजन यमुना छठ घाट (आई. टी. ओ.) से किया गया।

इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के सभी अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, गणमान्य अतिथि तथा हजारों की संख्या में स्वयंसेवक और सेवादल के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संत निरंकारी मिशन की वेबसाइट से किया गया जिसे देश और विदेशों के श्रद्धालुओं और निरंकारी भक्तों ने देखा।

इस परियोजना का शुभारंभ करते हुए सतगुरु माता ने जल की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा,“ परमात्मा ने हमें अमृत रूपी जल दिया है और हमारा कर्तव्य है कि हम उसका संरक्षण करें। स्वच्छ जल के साथ-साथ स्वच्छ मन का होना भी बहुत आवश्यक है क्योंकि इसी भाव से हम संत रूपी जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का काम कर सकते हैं।”

‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) के लगभग सभी भागों में स्वच्छता अभियान चलाया गया जिनमें दिल्ली के अशोक विहार का संजय झील, आई. टी. ओ. छट घाट, निगम बोध घाट, भलस्वा झील, यमुना का सुर घाट, यमुना का राम घाट, कालिंदी कुंज घाट इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एनसीआर में ब्रजघाट, सूरजपुर, गाजियाबाद का हिण्डन घाट, मण्डोरा तालाब, संकहोल गांव, गुरूग्राम का दम दमा झील, सोनीपत का गोरीपुर, अशानध रोड नदी इत्यादि जिसमें स्वयंसेवको की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई।

इस कार्यक्रम में सभी सेवादारों और आंगतुको के बैठने, जलपान, पार्किंग, मेडिकल इत्यादि का समुचित प्रबंध किया गया। इस परियोजना में युवाओं का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम में केवल पर्यावरण अनुकूल समाग्रियों का ही प्रयोग किया गया। प्लॉस्टिक की बोतलों, थर्माकॉल इत्यादि का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित था।

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने इस अभियान की प्रशंसा की और सतगुरु माता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन द्वारा जल संकट से निपटने के लिए ‘जल संरक्षण’ एवं ‘जल निकायो’ की स्वच्छता जैसी कल्याणकारी परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो निश्चित रूप से समाज के लिए एक बहुत बड़ा कदम है।

संत निरंकारी मिशन ऐसी अनेक परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जिनमें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘वननेस वन परियोजना’ और जल संरक्षण के लिए ‘अमृत परियोजना’ प्रमुख रूप से शामिल हैं।