Jammu: कई राज्यों से जुड़े जेई पदों की भर्ती में धांधली के तार

बता दें कि पुलिस में सब इंस्पेक्टर (एसआई) पदों की भर्ती में हुई धांधली की तरह जल शक्ति विभाग में जूनियर इंजीनियर (सिविल) पदों में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। सीबीआई ने कोर्ट में दायर आरोप पत्र में इसका राजफाश किया। इसके साथ ही सीबीआई ने 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इसमें तीन सीआरपीएफ कर्मी, एक एएसआई, एक पुलिस कॉन्स्टेबल, तीन सीआरपीएफ अधिकारी, एक पूर्व सीआरपीएफ अधिकारी, एक सेना का अधिकारी और एक शिक्षक शामिल है। कई राज्यों में इसके तार जुड़े थे। सीबीआई ने जांच में सीडीआर, बैंक खाते, टोल डेटा और 100 से अधिक गवाहों की जांच सहित विशाल तकनीकी डेटा का विश्लेषण शामिल है, इसे उन्होंने सुबूत बनाया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित जूनियर इंजीनियर (सिविल) जल शक्ति विभाग जम्मू-कश्मीर सरकार की लिखित परीक्षा में अनियमितताओं के संबंध में जम्मू-कश्मीर सरकार से 9 जनवरी को सीबीआई द्वारा संबंधित एफआईआर दर्ज की गई थी।
प्रिंटिंग प्रेस से चुराए गए जेई परीक्षा के प्रश्न पत्र
सीबीआई जांच से पता चला कि आरोपी यतिन यादव ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश रची। जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्न पत्र छपा था, उसके कर्मचारी प्रदीप कुमार ने जेई (सिविल) परीक्षा का प्रश्न पत्र चुरा लिया और उसे यतिन यादव को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार यतिन ने आरोपित अनिल कुमार से संपर्क किया, जिसने लीक हुए प्रश्न पत्र की बिक्री के लिए उम्मीदवारों की व्यवस्था करने के लिए अन्य आरोपितों से संपर्क किया। अनिल ने उम्मीदवारों की तलाश के लिए सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारी अश्वनी कुमार और सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल पवन कुमार से संपर्क किया।
आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, अश्विनी कुमार ने पुलिस के कांस्टेबल रमन शर्मा, शिक्षक, जगदीश लाल से संपर्क किया। अभ्यर्थियों की व्यवस्था के लिए सीआरपीएफ कांस्टेबल अमित कुमार शर्मा, सुनील शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा और राकेश कुमार से बात की गई थी। एक अन्य आरोपी पवन कुमार ने उम्मीदवारों की तलाश के लिए सेना में सिपाही अशनि कुमार से भी संपर्क किया।
रुपये के बदले उपलब्ध करवाए गए लीक प्रश्न पत्र
अभ्यर्थियों को आरोपी एएसआई अशोक कुमार द्वारा व्यवस्थित टेम्पो ट्रैवलर में पंचकूला ले जाया गया और पैसे के बदले में लीक प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया। पूरे अपराध में, अशोक उर्फ पंडित और बजिंदर ने लीक हुए प्रश्नपत्र वितरित करने में आरोपियों की मदद की।