हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से प्राकृतिक आपदा कहर ढ़ा रही है। बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रदेश के कई इलाकों में बार-बार भूस्खलन और बादल फटने की जानकारी मिली हैं। इस हादसे में अब तक 55 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
शिमला के समर हिल इलाके में भूस्खलन होने की खबर आई है जिससे पुनः आपदा की स्थिति उत्पन्न हुई है। मौजूदा स्थिति में किसी की हताहत या घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन निगरानी जारी है और बचाव दल भी काम कर रहे हैं।
प्रदेश में विशेष रूप से पिछले दिनों की भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और सड़कों की अवरुद्धता की वजह से बहुत सारे नुकसान हुआ है। कई इलाकों में सड़कों की हालत खराब हो गई है और इससे जनजीवन पर प्रभाव पड़ रहा है। बारिश के बाद कई स्थानों पर भूस्खलन की खबरें आई है और कई मकान गिर गए हैं।
सड़कें, बिजली और पेयजल की बहाली
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने तेजी से बचाव कार्यों की शुरुआत की है, जिसमें सड़कों की बहाली और बिजली और पेयजल आपूर्ति को तेजी से बहाल करना शामिल है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अभी भी कई जगहों पर असुरक्षित स्थानों में लोग फंसे हैं और बचाव दल उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में मकानों को खाली करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वायु सेना ने बचाव अभियान में सहायता के लिए सेना के जवानों को एयरलिफ्ट किया था। इसके अलावा प्रदेश में बचाव और राहत के कामों में विभिन्न अधिकारियों और एजेंसियों मौजूद है। सरकार ने यह भी बताया कि बारिश के कारण सड़कों में बहाली के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और कुल 1,220 अवरुद्ध सड़कों में से लगभग 400 सड़कें बहाल कर दी गई हैं।
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