नयी दिल्ली, 20 फरवरी (वार्ता): उच्चतम न्यायालय ने पुरुषों और महिलाओं की शादी के लिए एक समान उम्र सुनिश्चित करने की एक याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह इस मामले में कानून बनाने के लिए संसद को परमादेश जारी नहीं कर सकता (Marriage Age)।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा, “हमें खुद को कानून का एकमात्र संरक्षक नहीं मानना चाहिए। संसद कानून की संरक्षक भी है। हमें इस मामले को संसद पर छोड़ना चाहिए।”