शिंदे-ठाकरे विवाद: चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (वार्ता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता और चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले को महत्वपूर्ण बताते हुए याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की गुहार लगाई। श्री सिब्बल ने इस मामले को विशेष उल्लेख के दौरान शीर्ष अदालत के समक्ष उठाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद वो (शिंदे गुट) पार्टी से जुड़े संसाधनों पर कब्जा करेंगे। इस मामले की तत्काल सुनवाई की जाए। आज सुनवाई करने के लिए श्री सिब्बल के बार-बार तर्क के बावजूद पीठ ने इस पर सहमति नहीं दी। बाद में, हालांकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि शीर्ष अदालत इस मामले पर 22 फरवरी बुधवार अपराह्न साढ़े तीन बजे सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को इसी मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी के अनुरोध पर सुनवाई की तारीख देने इनकार कर दिया, लेकिन उन्हें मंगलवार को फिर अनुरोध करने को कहा था। चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को 2023 को उद्धव ठाकरे समूह को एक बड़ा झटका देते हुए अपने अंतिम आदेश में कहा था कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ शिंदे गुट के पास रहेगा। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि यह आदेश उसने संविधान के अनुच्छेद 324 और प्रतीक आदेश- 1968 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पारित किया है।