देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा संल्प ने हाल ही में भर्ती घोटाले के बाद अपने कर्मचारियों के खिलाफ कठिन कार्रवाई की है। कंपनी ने हाल ही में प्रकाश में आए घोटाले को लेकर 16 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, और 6 वेंडरों के ऊपर भी रोक लगा दी है। कंपनी ने इस कार्रवाई की जानकारी रविवार को दी।
19 कर्मचारियों लिया गया एक्शन
टाटा समूह की आईटी कंपनी टाटा संल्प ने भर्ती घोटाले के बाद कड़ी कार्रवाई की है, जिसकी जानकारी उन्होंने रविवार को दी. कंपनी ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच की गई और जांच में पाया गया कि घोटाले में कुल मिलाकर 19 कर्मचारी शामिल थे। कंपनी ने कड़ी कार्रवाई की है और 16 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जबकि बाकी 3 कर्मचारियों को रिसोर्स मैनेजमेंट यूनिट से हटा दिया गया है।
वेंडरों, उनके मालिकों पर कार्यवाई
टीसीएस (TCS) ने अपने कर्मचारियों के अलावा कुछ वेंडरों पर भी कड़ी कार्रवाई की है. कंपनी ने 6 वेंडरों, उनके मालिकों और उनके साथ जुड़े लोगों को टीसीएस के साथ कोई भी बिजनेस करने से प्रतिबंधित कर दिया है. भर्ती घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद पता चला कि टीसीएस के कुछ वेंडर अपने कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर नौकरियों के मामले में धांधली कर रहे थे.
मामला जून 2023 में सामने आया था
इस गड़बड़ी का आरोप उस समय सामने आया था, जब कृतिवासन ने टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्हें सीईओ का पद संभालते ही इस बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। टीसीएस ने मामला जून 2023 में सामने आने के बाद सख्त रुख अख्तियार किया था और जांच की शुरुआत की थी.
इस घटने के परिणामस्वरूप, टीसीएस ने अपने कर्मचारियों के अलावा कुछ वेंडरों पर भी कठिन कार्रवाई की है और उनके साथ कोई भी व्यापारिक संबंध बंद कर दिए हैं। टीसीएस के द्वारा कार्रवाई की गई यह बड़ा कदम है जो उसके कर्मचारियों और वेंडरों के साथ किए गए भ्रष्टाचार और व्यवसायिक दुराचार के खिलाफ एक सख्त संकेत हो सकता है।