लखनऊ, 25 फरवरी (वार्ता): उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को माफिया तत्वों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर को सोशल मीडिया में खूब सराहा जा रहा है।
योगी के वक्तव्य ‘माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा’ को सोशल मीडिया में पसंद किया जा रहा है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर माफिया के खिलाफ सीएम के अभियान को सपोर्ट करने वाले एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन हैशटैग एक साथ टॉप ट्रेंड में शामिल हो गये।
ट्विटर पर योगी के समर्थन में यूजर्स की गर्जना माफिया के खिलाफ गूंजने लगी। इस दौरान रिकार्ड तोड़ 100 करोड़ (एक अरब) बार से भी ज्यादा बार माफिया के खिलाफ योगी की दहाड़ से पूरा सोशल मीडिया हिल गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब योगी के किस वक्तव्य ने सोशल मीडिया साइट पर सौ करोड़ से ज्यादा बार ट्रेंड किया हो।
योगी के सदन में दिये भाषण के बाद विभिन्न सोशल मीडिया साइट पर मानो योगी आदित्यनाथ के समर्थन में भूचाल आ गया। देखते देखते एक साथ ‘योगी मीन्स गवर्नेंस’, ‘योगी आदित्यनाथ’ और ‘योगी सर्जिकल स्ट्राइक’ हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे। इस दौरान जहां 33 करोड़ से ज्यादा बार हैशटैग योगी आदित्यनाथ ट्रेंड करता रहा, जबकि रिकॉर्डतोड़ 65 करोड़ से अधिक बार हैशटैग योगी मीन्सगर्वनेंस टॉप ट्रेंड में बना रहा। इसके अलावा हैशटैग योगी सर्जिकल स्ट्राइक के समर्थन में देर रात तक ट्विटर पर यूजर्स अपने भावों को प्रकट करते रहे।
गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद विरोधी दलों की ओर से सरकार को घेरने की कोशिश हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सदन में खुद मोर्चा संभालते हुए प्रदेश में माफियावाद के लिए विपक्षी खासकर समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए नेता प्रतिपक्ष को जमकर लताड़ लगाई।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ माफिया का महिमामंडल किया, बल्कि उनके गले में फूलों की माला पहनाई। प्रयागराज की घटना में शामिल माफिया अतीक अहमद सपा की सरपरस्ती में ही कभी एमएलए और कभी एमपी बनकर सत्ता का सुख भोगता रहा है। ऐसे में समाजवादी पार्टी को इस बारे में कुछ भी बोलने का नैतिक हक नहीं है। मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर ये आश्वस्त भी किया किया कि प्रयागराज में हुई घटना के लिए कठोर एक्शन लिया जाएगा और माफिया को मिट्टी में मिलाने की कार्रवाई में सरकार बिल्कुल भी पीछे नहीं रहेगी।