पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य में लोगों को राहत देने के लिए कई सड़कों पर लगे हुए टोल नाके बंद करवाए हैं । इसके बावजूद, राष्ट्रीय राजमार्गों पर अभी भी टोल नाके मौजूद हैं और इन नाकों पर फीस भी मोटी वसूली जाती है। यह सिंचाई विभाग के अधिकारियों को काफी परेशान कर रहा है।
NHAI को लिखा पत्र
विभाग के प्रमुख सचिव ने नैशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर इस समस्या को हल करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने बताया है कि सिंचाई विभाग में कार्यरत अधिकारियों को नहरों और अन्य जल संसाधनों की चैकिंग के लिए रोज़ाना जिलों में जाना पड़ता है। स्टेट हाईवेज पर तो उन्हें टोल अदायगी से छूट मिलती है, लेकिन नैशनल हाईवेज पर ऐसी सुविधा नहीं है। इसके कारण वे सरकारी काम के दौरान भी फीस भुगतान करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
सरकारी कार्य के दौरान फीस की वसूली न करने के निर्देश
विभाग के प्रमुख सचिव ने एन.एच.ए.आई. को आग्रह किया है कि वे टोल नाकों पर सरकारी कार्य करने वाले अधिकारियों से टोल फीस की वसूली न करें। उन्होंने संबंधित टोल अथॉरिटीज को भी निर्देश दिए हैं कि सरकारी कार्य के दौरान टोल फीस की वसूली न करें।
इसके अलावा, चंडीगढ़ से पंजाब में जाने वाली हर सड़क पर एन.एच.ए.आई. के टोल नाके मौजूद हैं। इसके कारण विभाग के अधिकारियों को बहुत परेशानी हो रही है क्योंकि उन्हें सिंचाई विभाग से काम के दौरान इन टोल नाकों से ही गुजरना पड़ता है। इस समस्या को हल करने के लिए विभाग के अधिकारी या तो सरकारी गाड़ियों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं
इस मामले में पंजाब सरकार की जल स्रोत विभाग का प्रमुख सचिव ने एन.एच.ए.आई. को लिखा पत्र भेजकर इस मुद्दे को हल करने की मांग की है। वह काफी संख्या में टोल नाकों के मामले पर आपत्तिजनक हैं, और इससे प्रभावित हो रहे अधिकारियों को सरकारी काम के दौरान फीस का भुगतान करना पड़ रहा है।
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