51 साल के हुए योगी आदित्यनाथ, जनिए उनके जीवन से जुड़ी विशेष बातें

रिटायरमेंट
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योगी आदित्यनाथ, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी कूटनीतियों के दम पर वे विश्व भर में चर्चा बटोरते हैं। आज उनका 51वां जन्मदिवस है। यहां उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की कहानी है:

मास्टर्स डिग्री मैथ्स से पूरी की

योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट था। उनके पिता चाहते थे कि उनके ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में उनकी सहायता करें, लेकिन योगी की रुचि उस व्यापार में नहीं थी। इनका शिक्षा में मास्टर्स डिग्री मैथ्स से पूरी हुई थी।

1990 के दशक में, जब राम मंदिर आंदोलन अपने उच्चारणों पर था, तब योगी आदित्यनाथ भी उसमें हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए। उनकी एक कार्यक्रम में अवेद्यनाथ, गोरखनाथ मंदिर के महंत, से मुलाकात हुई। उन्हें उनके विचारों से काफी प्रभावित किया गया।

1993 में, योगी ने नौकरी के बहाने अपने घर को छोड़कर गोरखपुर जाना शुरू किया। उनके परिवार को एक साल तक उनके स्थान के बारे में कुछ पता नहीं था। कहा जाता है कि उस दौरान योगी ने अपने पिता को कई पत्र लिखे, लेकिन उन्होंने उन्हें भेजने की जगह नहीं दी।

1994 में, महंत अवेद्यनाथ ने योगी को गोरखपंथ की दीक्षा दी। इसके बाद से योगी आदित्यनाथ की पहचान योगी बन गई। चार साल बाद, 1998 में, अवेद्यनाथ ने योगी को गोरखनाथ मठ के साथ-साथ अपनी राजनैतिक विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया।

1998 में, योगी आदित्यनाथ ने उम्र केवल 26 वर्ष में गोरखपुर से संसदीय चुनाव लड़ा। उन्हें 26,000 वोटों से चुनाव जीता। उन्होंने संसद में संस्कृत में सांसद के तौर पर शपथ ली। इसके बाद, उन्होंने लगातार चुनाव जीतकर यूपी के मुख्यमंत्री बनने तक अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा।

योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मंदिर में जनप्रतिनिधियों की समस्याओं की सुनवाई करने के लिए भी मशहूर हैं।

1998 के चुनाव में, विनोद खन्ना ने योगी आदित्यनाथ के पक्ष में प्रचार किया था। इसके बाद भी, उनके बीच अच्छे संबंध बने रहे।

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