मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की तरफ से चुनाव से पहले की जा रही घोषणाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों, केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। यह याचिका पहले से लंबित एक योजना के साथ जुड़ी है, जिसमें लोगों को चुनावी लाभ के लिए कैश देने की घोषणा की गई है। इसे ‘फ्रीबिज’ भी कहा जा रहा है।
याचिकाकर्ता भट्टूलाल जैन का कहना है कि ऐसी योजनाओं से आखिरकार आम लोगों पर ही बोझ पड़ता है, जो चुनावी लाभ के लिए बनाई जाती हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए दायर किया गया है, और सुनवाई के दौरान यह कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा किया गया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि याचिकाकर्ता क्यों यहां आए हैं और क्या उनकी हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही थी, जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दो राज्यों में इस प्रकार की योजनाएं पहले से ही हैं, और उन्होंने यहां सिर्फ इसे चुनौती देने के लिए नहीं आए हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह सार्वजनिक हित की बात है और इसमें सिर्फ वादों की बात नहीं हो रही है, बल्कि इसका नेगेटिव प्रभाव भी हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, मध्य प्रदेश और राजस्थान को नोटिस जारी किया है और उनसे इस नोटिस का जवाब चार हफ्तों में मांगा गया है। उन्हें अपने वकील के साथ आने को भी कहा गया है।
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