कश्मीरी हिंदू कर्मियों को वोट डालने के लिए तीन दिन छुट्टी, कैजुअल लीव देने के आदेश जारी

कश्मीर में तैनात विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को वोट डालने के लिए तीन दिन छुट्टी देने का फैसला किया है। सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा ने कैजुअल लीव देने का आदेश जारी किया। ये कर्मी श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग पर उनके मतदान करने के लिए बनाए विशेष मतदान केंद्रों पर मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे।

चुनाव आयोग ने प्रदेश के 1.13 लाख कश्मीर विस्थापित (Jammu Kashmir Lok Sabha Election) हिंदुओं के वोट डालने के लिए 26 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें जम्मू में 21, ऊधमपुर जिले में एक व दिल्ली में चार मतदान केंद्र शामिल हैं।

इस समय कश्मीर में नौकरी कर रहे विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को सात मई को अनंतनाग-रियासी सीट के मतदान के लिए छह से आठ मई तक छुट्टी मिलेगी।13 मई को श्रीनगर संसदीय सीट के चुनाव के लिए कश्मीर में तैनात विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को 12 से 14 मई तक छुट्टी दी है।

बारामुला संसदीय सीट के लिए मतदान 20 मई को होना है। इसके लिए 19 से 21 मई तक छुट्टी दी जा रही है। इस बार प्रदेश में कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों के लिए लगभग 14,000 नए कश्मीरी हिंदू विस्थापित मतदाताओं ने पंजीकरण कराया है।

वोट देने के लिए चलाया जा रहा अभियान

प्रदेश में इस बार कश्मीरी हिंदू विस्थापित मतदाताओं की संख्या 1.13 लाख है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 99,000 प्रवासी कश्मीरी हिंदू मतदाता थे। इस समय कश्मीरी हिन्दु मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करने का अभियान जोरों पर है।

विस्थापित हिंदुओं के लिए वोट डालने के लिए दो विकल्प हैं। वे एम-फार्म भरकर उनके लिए स्थापित विशेष मतदान केंद्रों में मतदान कर सकते हैं। दूसरा विकल्प डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान करना है। इसके उन्हें फार्म-12 सी भरना होता है। वे सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) से मतपत्र प्राप्त हासिल कर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।