पंजाब में शासन को और बेहतर बनाने के लिए मान कैबिनेट का अहम फैसला, अब ए.आई. के जरिए होंगे काम

पंजाब
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आज दोपहर पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। पंजाब कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस कैबिनेट की मीटिंग में 3 फैसलों को मंजूर किया गया है। जिनमें सड़क सुरक्षा फोर्स, हर जिले में शहीदी समारक बनाने और दिल्ली राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सहायता केंद्र को मंजूरी दी गई है।                                                                                                                                    पंजाब कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि राज्य में शासन को और बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) का उपयोग किया जाएगा। यह निर्णय पंजाब को शासन में ए.आई. का उपयोग करने वाला पहला राज्य बनाने के लिए है और इसका उद्देश्य नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। ए.आई. का उपयोग सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने, कर चोरी को रोकने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने, और लोगों की समस्याओं को अधिक प्रभावी ढंग से हल करने में मददगार साबित हो सकता है।

पंजाब स्टेट गवर्नेंस सोसाइटी (पीईजीएस) ने नई तकनीकों के लिए स्थापित किया गया है और ए.आई. और मशीन लर्निंग (एमएल) के लाभों का पूरा उपयोग करने के लिए सरकारी विभागों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके साथ ही, नई तकनीकों के लिए इस केंद्र को मजबूत करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) का गठन भी किया जाएगा। पीएमयू के माध्यम से संबंधित विभागों के मामलों की पहचान और आवंटन में इस केंद्र को मदद मिलेगी।

इसके साथ ही, कैबिनेट ने ‘आजादी का अमृत महाउत्सव’ के तीसरे चरण के मौके पर स्वतंत्रता दिवस से पहले राज्य भर की जेलों में बंद 45 कैदियों की सजा में विशेष छूट देने का निर्णय लिया है। इन विशेष छूट मामलों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत विचार के लिए पंजाब के राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।                             ये भी पढ़ें अशोभनीय आचरण के आरोप में राज्यसभा से निलंबित हुए राघव चड्ढा, विशेषाधिकार समिति की जांच रिपोर्ट आने तक रहेंगे सस्पेंड