मणिपुर में हुई हिंसा के परिणामस्वरूप व्यापक आपसी संघर्ष के कारण, सुप्रीम कोर्ट ने आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में हुई हिंसा से जुड़ी कई याचिकाएं सर्वोच्च अदालत में दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े केस की सुनवाई गुवाहाटी हाईकोर्ट में होगी। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को सीबीआई की जांच वाले मामलों के लिए एक या उससे अधिक स्पेशल जजों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि हिंसा से जुड़े केस के ट्रायल की सुनवाई मणिपुर में होनी चाहिए और कोई भी न्यायिक हिरासत भी मणिपुर में ही दी जानी चाहिए। इसके अलावा, आरोपियों और गवाहों की पेशी या रिमांड से जुड़ी गतिविधियों को ऑनलाइन किया जा सकेगा, ताकि किसी भी तरह का खतरा पैदा ना हो।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी मान्यता दी कि CRPC की धारा 164 के तहत कोई भी बयान लोकल मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराना होगा।
हालांकि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई और सुरक्षा के मुद्दे के बीच विचारण हो रहा है, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आपसी संघर्ष की नीतियों को ध्यान में रखते हुए सुनवाई में विवादों को सुलझाने के प्रयास किए हैं। इसमें सुरक्षा पर नजर रखकर आरोपियों और गवाहों की सुरक्षा को बनाए रखने का प्रयास शामिल है।
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